इस पोस्ट में हम आपको रणजीत हनुमान प्रभात फेरी (Ranjeet Hanuman Prabhat Feri) के बारे में बताने वाले है | इंदौर के रणजीत हनुमान मंदिर की स्थापना के साथ ही प्रभात फेरी का आयोजन होने लगा | रणजीत हनुमान मंदिर की प्रभातफेरी की परंपरा 138 साल पुरानी है जहाँ धीरे-धीरेे भक्तों की आस्था बढ़ती गई और प्रभातफेरी की परंपरा ने भव्य रुप ले लिया। इस पोस्ट में आपको बताने वाले है कैसे रणजीत हनुमान मंदिर की ये प्रभात फेरी गिने चुने भक्तों से शुरू हो कर आज विश्व की सबसे बड़ी प्रभात फेरी होने तक पहुच गई |
रणजीत हनुमान प्रभात फेरी (Ranjeet Hanuman Prabhat Feri)
इंदौर मेें रणजीत हनुमान मंदिर की प्रभातफेरी 4 जनवरी 2024 को निकलेगी जिसमे रणजीत बाबा नगर भ्रमण करेंगे और भक्त उनके दर्शन। पिछले साल भी रणजीत हनुमान मंदिर की प्रभातफेरी में हजारो लोगो की भीड़ उमड़ी थी और हर साल इसमें भक्तों में बढोतरी होती जा रही है | प्रभातफेरी मंदिर परिसर से महूनाका, अन्नपूर्णा रोड, नरेंद्र तिवारी मार्ग, फूठीकोठी चौराहा होते हुए रणजीत हनुमान मंदिर पर ही समाप्त होगी। हर साल प्रभातफेरी की प्रसिद्धि में बढोतरी होने के साथ-साथ जहा-जहा से प्रभात फेरी गुजरती है वहां के सभी लोग व व्यापारी तक फेरी में शामिल लोगो का स्वागत करते है व सड़कों पर रेड कार्पेट बिछा देते है और ड्रोन से भक्तों पर पुष्पवर्षा की जाती है | रणजीत हनुमान मंदिर की प्रभातफेरी आयोजनों में मंदिर परिसर में हजार दीपों से साज-सज्जा की जाती है |
रणजीत हनुमान मंदिर इतिहास (Ranjeet Hanuman Mandir History)
कहा जाता है इंदौर के रणजीत हनुमान मंदिर लगभग 140 साल पुराना बताया जाता है और इंदौर के पपुराने मंदिरों में से एक है | महूनाका से फूटी-कोठी जाने वाले रोड पर गुमाश्ता नगर पर स्तिथ है और मंदिर में रणजीत बाबा की प्रतिमा के दर्शन सड़क से भी हो जाते है। इस मंदिर परिसर में अन्य भगवानों की प्रतिमाएं भी है जैसे भैरव बाबा जी, सीतला माता जी, सीता राम लक्ष्मण जी, दत्त गुरु जी, शनि नव गृह, शिव जी, गणेश जी आदि | समय के साथ मंदिर परिसर काफी विकसित हुआ जिसके साथ बहुत बडा पार्किंग है और मंदिर में भंडारे व अन्य आयोजन के लिए काफी जगह है |
रणजीत हनुमान प्रभात फेरी की शुरुवात ठेलेगाड़ी पर बाबा की तस्वीर हुई थी (Ranjeet Hanuman Prabhat Feri)
इंदौर के रणजीत हनुमान मंदिर की स्थापना के साथ ही प्रभातफेरी की परंपरा 138 साल पुरानी है पर कुछ 15-20 वर्ष पहले तक एक ठेलेगाड़ी पर रणजीत बाबा की तस्वीर रखकर प्रभातफेरी निकाली जाती थी। तब 100-150 भक्त भी नहीं जुटते थे, लेकिन समय के साथ प्रभातफेरी में भीड़ बढने लगी और ख्याती भी बदती चली गई | अब प्रभातफेेरी के स्वागत के लिए व्यापारी वर्ग से ले कर घरों में रहने वाले लोग खुद अपने घरों मेें तैयारियां करते है और जहाँ-जहाँ से प्रभातफेेरी गुजरती है वहां सभी लोग चाय, काफी, नाश्ता का स्टाॅल लगाते है |
स्वर्ण रथ पर विराजमान होकर नगर भ्रमण के लिए निकलते है बाबा रणजीत हनुमान (Ranjeet Hanuman Prabhat Feri on Golden Chariot)
रणजीत हनुमान मंदिर की प्रभातफेरी की ख्याती बदने पर हजारो भक्तों की भीड़ उमड़ने के साथ ही अब प्रभातफेरी में बाबा रणजीत हनुमान स्वर्ण रथ पर विराजमान होकर नगर भ्रमण के लिए निकलते है जिसके लिए हजारों की संख्या में मौजूद भक्तगण प्रभातफेरी के स्वागत के लिए सड़कों पर मौजूद रहते है | चारों तरफ क्या बच्चे क्या बूढ़े-युवा ये सब हाथों से फूल बरसाते और ध्वजा लहराकर बाबा रणजीत के जयकारे लगते नजर आते है | जिस तरह उज्जैन मे बाबा महाकाल की सवारी निकालती है वैसे ही बाबा रणजीत हनुमान पूरे लाव-लश्कर के साथ भक्तों को दर्शन देने स्वर्ण रथ पर विराजमान होकर नगर भ्रमण के लिए निकलते है और अंत मे विभिन्न मार्गों से होकर वापस मंदिर पहुचती है | फूलों से सजे रजत रथ पर बाबा रणजीत हनुमान विराजमान होते है और साथ में भगवा ध्वज लिए सैकड़ों बच्चे, महिला-पुरुषों की कतार व दर्जनभर बग्घियों में सवार संत-महंत, महापुरुषों और वानरों की वेषभूषा में लोअग शामिल रहते है |
मंदिर प्रबंधन मंडल प्रभात फेरी के साथ मार्ग पर कचरे की सफाई भी की जाती है
रणजीत हनुमान मंदिर की प्रभातफेरी में जहां आस्था और उल्लास चरम पर होने के साथ-साथ यातायात को अनुशासित रखा जाता है व साथ में शहर की स्वच्छता का भी ध्यान रखा जाता है | मंदिर के लगभग 100 से ज्यादा सेवादार इसमें जुटे होने के साथ-साथ यात्रा में शामिल भक्तगण भी स्वच्छता का ध्यान रखते है | यात्रा के दौरान लोगों द्वारा बरसाए गए फूल, खाद्य पदार्थ के लिए उपयोग की गई डिस्पोजल आदि को डस्टबिन में एकत्र कर सड़क पर झाडू लगाकर तुरंत उठा लिया जाता है |
विभिन्न कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते है
इंदौर के रणजीत हनुमान मंदिर पर रणजीत अष्टमी पर प्रतिवर्ष होने वाले कार्यक्रमों का आयोजन पहले ही शुरू कर दिया जाता है, जिसमें मंदिर परिसर में ध्वजा पूजन के साथ ही विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान किए जातें है | साथ ही महाप्रसादी का आयोजन भी किया जाता है जिसमें हजारों श्रद्धालुओं के लिए भोजन तैयार किया जाएगा। भोजन प्रसादी में श्रद्धालुओं को नमकीन पूरी, सब्जी और हलवे का प्रसाद वितरित किया जाएगा। रणजीत हनुमान अष्टमी का इंतजार श्रद्धालुओं को पूरे साल रहता है, जिस कारण बड़ी संख्या में भक्त मंदिर पहुंचते हैं।
इस मौके पर मंदिर में भक्तों का तांता
मंदिर पर सुबह 5 बजे से रणजीत अष्टमी के पावन पर्व पर बाबा रणजीत हनुमान के दर्शन और पूजन के लिए मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है जहां बड़ी संख्या में भक्त भगवान रणजीत हनुमान के दर्शन और पूजन के लिए मंदिर पहुंचे है व श्रद्धालु बाबा रणजीत हनुमान के दर्शन और पूजन कर आशीर्वाद लेते है | प्रभात फेरी वाले दिन सुबह से ही रणजीत हनुमान मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ आती है, जहां बड़ी संख्या में भक्त भगवान रणजीत हनुमान के दर्शन और पूजन के लिए पहुचते है और पुरे दिन भक्तों की भीड़ मंदिर परिसर में बढ़ती चली जाती है |
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